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प्रकाश की गति वाले प्रयोग में चौंकाने वाले नतीजे


जेनेवा में स्थित भौतिकी की दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न में वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने सबएटॉमिक पार्टिकल यानी अतिसूक्ष्म कण न्यूट्रिनो की गति प्रकाश की गति से भी ज़्यादा पाई है.

अगर ऐसा सच हुआ तो ये भौतिकी के मूलभूति नियमों को पलटने वाली खोज होगी क्योंकि उसके मुताबिक़ प्रकाश की गति से ज़्यादा तेज़ कुछ भी नहीं है.
सर्न से 732 किलोमीटर दूर स्थित ग्रैन सासो प्रयोगशाला को भेजे गए न्यूट्रिनो प्रकाश की गति से एक सेकेंड के बहुत ही छोटे हिस्से से तेज़ पाए गए.
शोधकर्ता स्वीकार कर रहे हैं कि वे इस नतीजे से काफ़ी आश्चर्यचकित हैं और इसीलिए उन्होंने कोई दावा नहीं करते हुए अन्य लोगों से स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि करने की अपील की है.
इन शोधकर्ताओं के गुट ने कहा है कि वे इस दावे को लेकर काफ़ी सावधानी बरत रहे हैं.
रिपोर्ट के लेखर एंटोनियो एरेडिटाटो ने कहा, "हमने इसका हर संभव स्पष्टीकरण खोजने की कोशिश की. हम अपनी ग़लती खोजना चाहते थे कि आख़िर हमने कोई छोटी ग़लती या कोई भयानक ग़लती कर दी हो मगर ऐसा नहीं था."

गंभीर नतीजे

"हम चाहते हैं कि वैज्ञानिक समुदाय इस अजीब से नतीजे को समझने में हमारी मदद करे- क्योंकि ये वास्तव में अजीब नतीजा है. और निश्चित ही इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं"
एंटोनियो एरेडिटाटो
उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, "जब आपको कुछ नहीं मिलता तब आप कहते हैं अब मेरे पास इन नतीजों के साथ बाहर जाने और बाक़ी समुदाय से इसकी परख करने के लिए कहने के सिवाय कोई चारा नहीं है."
अधिकतर आधुनिक भौतिकी की आधारशिला यही जानकारी है कि प्रकाश की गति सबसे तेज़ है और आज तक उस गति से ज़्यादा तेज़ कोई कण नहीं मिला.
मगर डॉक्टर एरेडिटाटो और उनके सहयोगी पिछले तीन वर्षों से ये प्रयोग कर रहे थे जिससे ये लग रहा है कि न्यूट्रीनो शायद प्रकाश से भी तेज़ हो.
न्यूट्रीनो कई प्रकार के होते हैं और हाल में दिखा कि वे जल्दी ही एक से दूसरे प्रकार में बदल जाते हैं.
टीम ने सिर्फ़ एक तरह के न्यूट्रीनो- म्युऑन न्यूट्रीनोज सर्न से इटली में ग्रैन सासो की भूमिगत प्रयोगशाला में भेजा जिससे पता चले कि उनमें से कितने रूप बदलकर टउ न्यूट्रीनो के रूप में वहाँ पहुँचे.
इस प्रयोग के दौरान शोधकर्ताओं ने देखा कि उतनी ही दूरी इन कणों ने सेकेंड के कुछ अरब हिस्से से प्रकाश से तेज़ी से तय कर ली.
इस टीम ने न्यूट्रीनो की ये दूरी तय करने का प्रयोग लगभग 15 हज़ार बार किया और उसके बाद इतनी बार इस अहम जानकारी को पाया जिसे एक औपचारिक खोज कहा जा सके.
मगर वैज्ञानिकों का ये दल समझता है कि प्रक्रिया में मामूली सी भी ग़लती से बेहद ग़लत नतीजे आ सकते हैं और लग सकता है कि किसी कण ने प्रकाश की गति को भी पछाड़ दिया है और इसीलिए उन्होंने अपने पूरे आकलन को लोगों के सामने रख दिया है.
डॉक्टर एरेडिटाटो के अनुसार, "मेरा सपना तो ये है कि एक दूसरे, स्वतंत्र प्रयोग से भी यही बात निकलकर सामने आए. तब मैं निश्चिंत हो जाउँगा."
मगर उन्होंने कहा कि अभी वह कोई दावा नहीं कर रहे हैं, "हम चाहते हैं कि वैज्ञानिक समुदाय इस अजीब से नतीजे को समझने में हमारी मदद करे- क्योंकि ये वास्तव में अजीब नतीजा है. और निश्चित ही इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं."
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